UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 16 भारतीय स्टेट बैंक
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बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)
प्रश्न 1.
भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना हुई है।
(a) 1 जुलाई, 1950 में
(b) 1 जुलाई, 1955 में
(c) 19 जुलाई, 1969 में
(d) 1 जनवरी, 1955 में
उत्तर:
(b) 1 जुलाई, 1955 में
प्रश्न 2.
भारतीय स्टेट बैंक का मुख्यालय स्थित है। (2014)
(a) नई दिल्ली में
(b) चेन्नई में
(c) मुम्बई में
(d) कोलकाता में
उत्तर:
(c) मुम्बई में
प्रश्न 3.
स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया का प्रबन्ध कितने सदस्यों के केन्द्रीय संचालक मण्डल द्वारा किया जाता है?
(a) 10
(b) 15
(c) 20
(d) 25
उत्तर:
(c) 20
निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
प्रश्न 1.
इम्पीरियल बैंक ऑफ इण्डिया का राष्ट्रीयकरण करके कौन-सा बैंक बनाया गया?
उत्तर:
भारतीय स्टेट बैंक
प्रश्न 2.
क्या भारतीय स्टेट बैंक भारत का केन्द्रीय बैंक है?
उत्तर:
नहीं
प्रश्न 3.
क्या भारतीय स्टेट बैंक साख नियन्त्रण का कार्य करता है?
उत्तर:
नहीं
प्रश्न 4.
भारतीय स्टेट बैंक की अधिकृत पूँजी कितनी है?
उत्तर:
₹ 1,000 करोड़
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
प्रश्न 1.
भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के दो प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। (2013)
उत्तर:
भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के दो प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
- ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग प्रणाली का विकास करना भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग प्रणाली का विकास करना है। आर्थिक विकास की दृष्टि से यह अत्यन्त आवश्यक है।
- रिज़र्व बैंक की साख नियन्त्रण में सहायता रिज़र्व बैंक के प्रत्यक्ष नियन्त्रण में होने के कारण भारतीय स्टेट बैंक उसकी मौद्रिक और साख नीतियों का पालन करके उसकी साख नियन्त्रण में सहायता करता है।
प्रश्न 2.
भारतीय स्टेट बैंक की दो असफलताएँ बताइए।
उत्तर:
भारतीय स्टेट बैंक की दो असफलताएँ निम्नलिखित हैं-
- यह शाखाओं का विस्तार करने की नीति में पूर्ण रूप से सफल नहीं हुआ है।
- इसके द्वारा नौकरशाही को बढ़ावा मिलता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)
प्रश्न 1.
भारतीय स्टेट बैंक के व्यापारिक बैंक के रूप में सामान्य बैंकिंग सम्बन्धी कार्य बताइए।
उत्तर:
भारतीय स्टेट बैंक के कार्य भारतीय स्टेट बैंक के कार्यों को निम्नलिखित दो भागों में बाँटा जा सकता है-
I. रिज़र्व बैंक के एजेण्ट के रूप में कार्य
1. समाशोधन-गृह के रूप में कार्य जिस स्थान पर रिज़र्व बैंक की शाखा नहीं होती, वहाँ भारतीय स्टेट बैंक रिज़र्व बैंक की ओर से समाशोधन-गृह के रूप में कार्य करता है। यह अन्य बैंकों को धन के हस्तान्तरण के लिए सुलभ व सस्ती सुविधा भी प्रदान करता है।
2. सरकार के बैंक के रूप में कार्य भारतीय स्टेट बैंक केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के कोषों को अपने पास सुरक्षित रखता है, सरकार के आदेशानुसार भुगतान करता है, सरकार द्वारा लिए जाने वाले सार्वजनिक ऋण की व्यवस्था करता है तथा उनके धन का लेन-देन करता है। इस प्रकार यह सरकार का बैंकर है।
3. बैंकों का बैंक के रूप में कार्य भारतीय स्टेट बैंक व्यापारिक बैंकों से जमा स्वीकार करता है और आवश्यकता पड़ने पर उनके बिलों की पुनर्कटौती करके तथा प्रतिभूतियों की जमानत पर उन्हें ऋण भी देता है।
II. व्यापारिक बैंक के रूप में सामान्य बैंकिंग सम्बन्धी कार्य
1. विनिमय-विपत्रों का क्रय-विक्रय करना एवं भुनाना यह विनिमय बिलों तथा विनिमय साख बिलों को लिखता है, स्वीकार करता है तथा भुनाता है।
2. एजेन्सी सम्बन्धी कार्य यह कई प्रकार के एजेन्सी सम्बन्धी कार्य भी करता है; जैसे
- यह प्रतिज्ञा-पत्र, चैक तथा हुण्डियों, आदि को भुनाता है और राशि एकत्रित करता है।
- यह ग्राहकों की ओर से भुगतान करता है।
- यह अंशों एवं प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करता है।
- यह ग्राहकों को आर्थिक सलाह प्रदान करता है।
3. ऋण तथा अग्रिम प्रदान करना इसके द्वारा व्यवसायियों की माँग पर अन्य सामान्य बैंकों की भाँति ऋण एवं अग्रिम, अधिविकर्ष, नकद साख एवं पुनर्कटौती की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
4. जनता से जमा स्वीकार करना यह बैंक अन्य व्यापारिक बैंकों की तरह जनता से विभिन्न खातों द्वारा धन प्राप्त करता है। इसके लिए यह विभिन्न प्रकार की आकर्षक योजनाएँ बनाता है।
5. प्रतिभूतियों में विनियोजन अन्य व्यापारिक बैंकों की भाँति भारतीय स्टेट बैंक अपने कोष का सरकारी प्रतिभूतियों, रेलवे प्रतिभूतियों, राज्य सरकार की प्रतिभूतियों, कॉपोरेशन की प्रतिभूतियों तथा ट्रेज़री बिलों, आदि में विनियोग करता है।
6. अन्य कार्य उपरोक्त कार्यों के अतिरिक्त भारतीय स्टेट बैंक निम्नलिखित कार्य करता है-
- यह सोने व चाँदी का क्रय-विक्रय करता है।
- यह बहुमूल्य वस्तुओं को सुरक्षित रखता है।
- किसानों को प्रत्यक्ष ऋण प्रदान करता है।
- सहकारी बैंकों के एजेण्ट के रूप में कार्य करता है।
- रिज़र्व बैंक द्वारा सौंपे गए कार्य करता है।
प्रश्न 2.
भारतीय स्टेट बैंक के वर्जित कार्य बताइए।
उत्तर:
भारतीय स्टेट बैंक के वर्जित कार्य निम्नलिखित हैं-
- भारतीय स्टेट बैंक किसी व्यक्ति या फर्म को निर्धारित सीमा से अधिक का ऋण नहीं दे सकता।
- यह सिर्फ ऐसे बिलों को भुना सकता है, जिनमें दो व्यक्तियों या फर्मों के हस्ताक्षर हों।
- यह कृषि बिल के अलावा अन्य किसी प्रकार के बिल को नहीं भुना सक।
- यह अपनी अचल सम्पत्ति की जमानत पर ऋण नहीं ले सकता।
- यह किसी भी प्रकार की अचल सम्पत्ति का क्रय नहीं कर सकता।
प्रश्न 3.
भारतीय स्टेट बैंक की क्या उपलब्धियाँ या सफलताएँ हैं?
उत्तर:
भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के उद्देश्य भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
- ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग प्रणाली का विकास करना ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली का विकास करना है।
- रिज़र्व बैंक की साख नियन्त्रण में सहायता रिज़र्व बैंक के प्रत्यक्ष नियन्त्रण में होने के कारण भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य उसकी मौद्रिक और साख नीतियों का पालन करके उसकी साख नियन्त्रण में सहायता करना है।
- कृषि वित्त में सहायता करना भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य कृषि कार्यो; जैसे-खाद, बीज, हल व कृषि उपकरण, आदि खरीदने के लिए ऋण प्रदान करना है।
- सरकार की आर्थिक नीति के संचालन में सहायता देना भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य सरकार की आर्थिक नीतियों के उचित संचालन में सहायता करना है।
- कृषि विपणन समितियों की स्थापना में सहायता करना भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य कृषि विपणन समितियों की स्थापना में सहयोग प्रदान करना है।
- उद्योग व व्यापार को प्रोत्साहन भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य कृषि के विकास के साथ-साथ उद्योग व व्यापार का विकास करना है।
- अनुचित प्रतिस्पर्धा भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य अन्य बैंकों से अनुचित प्रतिस्पर्धा की प्रवृत्ति समाप्त करना है।
- दुर्बल वर्ग की सहायता भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य दुर्बल वर्गों; जैसे-छोटे व्यापारी, रिक्शा चालक, टैक्सी चालक, आदि को सरल व सस्ते ऋण उपलब्ध करवाना है।
- भारतीय मुद्रा बाजार का विकास भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य भारतीय मुद्रा बाजार का अधिकतम विकास करना है।
- नई शाखाएँ खोलने की नीति भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों में बैंक की शाखाएँ खोलकर बैंकिंग प्रणाली का विकास करना है।
भारतीय स्टेट बैंक की उपलब्धियाँ भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं-
1. भारतीय बैंकों पर विदेशी प्रभाव की समाप्ति भारत में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के बाद भारत के सभी बैंकों पर विदेशी प्रभाव समाप्त हो गया तथा भारतीयों के साथ किए जाने वाले भेदभाव की समस्याओं का भी अन्त हो गया।
2. बैंकिंग सुविधाओं का विकास भारत में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना होने से कई प्रकार की बैंकिंग सुविधाओं का विकास हुआ है। सन् 1955-56 में स्टेट बैंक व उसके सहायक बैंकों की लगभग 500 शाखाएँ थीं, जो वर्तमान में लगभग 18,992 हो गई हैं।
3. ग्रामीण साख-सुविधाएँ भारतीय स्टेट बैंक ने सभी प्रकार के ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने के लिए भूमि विकास बैंकों, सहकारी समितियों और सहकारी क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को अल्पकालीन व मध्यकालीन ऋण प्रदान किए हैं।
4. विदेशी मुद्रा व्यवसाय भारतीय स्टेट बैंक अनेक प्रकार की विदेशी मुद्राओं में लेन-देन करता है, जिससे विदेशी भुगतानों में सहायता मिलती है।
5. लघु उद्योगों को सहायता भारतीय स्टेट बैंक लघु उद्योगों के विकास के लिए सभी प्रकार के ऋण (अल्पावधि, मध्यावधि एवं दीर्घावधि) उपलब्ध कराने में सहायता करता है। यह राज्य सहकारी बैंक, राज्य वित्त निगम व राज्य उद्योग विभाग के साथ मिलकर साख व्यवस्था को पूरा करता है।
6. प्रशिक्षण सुविधा भारतीय स्टेट बैंक ने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण की व्यापक व्यवस्था की है। इसके लिए 28 प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है।
7. मुद्रा-सुविधाएँ भारतीय स्टेट बैंक सभी अनुसूचित बैंकों एवं सहकारी बैंकों को सप्ताह में तीन बार निःशुल्क धन भेजने की सुविधा उपलब्ध करवाता है।
8. विदेशी व्यापार में सहायता भारतीय स्टेट बैंक निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह व्यावसायियों को आवश्यक विदेशी मुद्रा भी उपलब्ध करवाता है।
9. आँकड़ों का प्रकाशन भारतीय स्टेट बैंक देश की आर्थिक स्थिति के बारे में महत्त्वपूर्ण आँकड़ों को एकत्र करके उनका प्रकाशन करता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (8 अंक)
प्रश्न 1.
केन्द्रीय बैंक के प्रतिनिधि के रूप में भारतीय स्टेट बैंक कौन-कौन-से कार्य करता है? (2014)
अथवा
भारतीय स्टेट बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए। (2017, 06)
उत्तर:
भारतीय स्टेट बैंक के कार्य भारतीय स्टेट बैंक के कार्यों को निम्नलिखित दो भागों में बाँटा जा सकता है-
I. रिज़र्व बैंक के एजेण्ट के रूप में कार्य
1. समाशोधन-गृह के रूप में कार्य जिस स्थान पर रिज़र्व बैंक की शाखा नहीं होती, वहाँ भारतीय स्टेट बैंक रिज़र्व बैंक की ओर से समाशोधन-गृह के रूप में कार्य करता है। यह अन्य बैंकों को धन के हस्तान्तरण के लिए सुलभ व सस्ती सुविधा भी प्रदान करता है।
2. सरकार के बैंक के रूप में कार्य भारतीय स्टेट बैंक केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के कोषों को अपने पास सुरक्षित रखता है, सरकार के आदेशानुसार भुगतान करता है, सरकार द्वारा लिए जाने वाले सार्वजनिक ऋण की व्यवस्था करता है तथा उनके धन का लेन-देन करता है। इस प्रकार यह सरकार का बैंकर है।
3. बैंकों का बैंक के रूप में कार्य भारतीय स्टेट बैंक व्यापारिक बैंकों से जमा स्वीकार करता है और आवश्यकता पड़ने पर उनके बिलों की पुनर्कटौती करके तथा प्रतिभूतियों की जमानत पर उन्हें ऋण भी देता है।
II. व्यापारिक बैंक के रूप में सामान्य बैंकिंग सम्बन्धी कार्य
1. विनिमय-विपत्रों का क्रय-विक्रय करना एवं भुनाना यह विनिमय बिलों तथा विनिमय साख बिलों को लिखता है, स्वीकार करता है तथा भुनाता है।
2. एजेन्सी सम्बन्धी कार्य यह कई प्रकार के एजेन्सी सम्बन्धी कार्य भी करता है; जैसे
- यह प्रतिज्ञा-पत्र, चैक तथा हुण्डियों, आदि को भुनाता है और राशि एकत्रित करता है।
- यह ग्राहकों की ओर से भुगतान करता है।
- यह अंशों एवं प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करता है।
- यह ग्राहकों को आर्थिक सलाह प्रदान करता है।
3. ऋण तथा अग्रिम प्रदान करना इसके द्वारा व्यवसायियों की माँग पर अन्य सामान्य बैंकों की भाँति ऋण एवं अग्रिम, अधिविकर्ष, नकद साख एवं पुनर्कटौती की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
4. जनता से जमा स्वीकार करना यह बैंक अन्य व्यापारिक बैंकों की तरह जनता से विभिन्न खातों द्वारा धन प्राप्त करता है। इसके लिए यह विभिन्न प्रकार की आकर्षक योजनाएँ बनाता है।
5. प्रतिभूतियों में विनियोजन अन्य व्यापारिक बैंकों की भाँति भारतीय स्टेट बैंक अपने कोष का सरकारी प्रतिभूतियों, रेलवे प्रतिभूतियों, राज्य सरकार की प्रतिभूतियों, कॉपोरेशन की प्रतिभूतियों तथा ट्रेज़री बिलों, आदि में विनियोग करता है।
6. अन्य कार्य उपरोक्त कार्यों के अतिरिक्त भारतीय स्टेट बैंक निम्नलिखित कार्य करता है-
- यह सोने व चाँदी का क्रय-विक्रय करता है।
- यह बहुमूल्य वस्तुओं को सुरक्षित रखता है।
- किसानों को प्रत्यक्ष ऋण प्रदान करता है।
- सहकारी बैंकों के एजेण्ट के रूप में कार्य करता है।
- रिज़र्व बैंक द्वारा सौंपे गए कार्य करता है।
प्रश्न 2.
भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के किन्हीं पाँच उद्देश्यों तथा तत्सम्बन्धी उपलब्धियों का वर्णन कीजिए। (2009)
अथवा
भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के उद्देश्यों एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए। (2008)
अथवा
स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया की स्थापना के क्या उद्देश्य हैं? वह अपने उद्देश्यों में कहाँ तक सफल हुआ है?
उत्तर:
भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के उद्देश्य भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
- ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग प्रणाली का विकास करना ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली का विकास करना है।
- रिज़र्व बैंक की साख नियन्त्रण में सहायता रिज़र्व बैंक के प्रत्यक्ष नियन्त्रण में होने के कारण भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य उसकी मौद्रिक और साख नीतियों का पालन करके उसकी साख नियन्त्रण में सहायता करना है।
- कृषि वित्त में सहायता करना भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य कृषि कार्यो; जैसे-खाद, बीज, हल व कृषि उपकरण, आदि खरीदने के लिए ऋण प्रदान करना है।
- सरकार की आर्थिक नीति के संचालन में सहायता देना भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य सरकार की आर्थिक नीतियों के उचित संचालन में सहायता करना है।
- कृषि विपणन समितियों की स्थापना में सहायता करना भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य कृषि विपणन समितियों की स्थापना में सहयोग प्रदान करना है।
- उद्योग व व्यापार को प्रोत्साहन भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य कृषि के विकास के साथ-साथ उद्योग व व्यापार का विकास करना है।
- अनुचित प्रतिस्पर्धा भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य अन्य बैंकों से अनुचित प्रतिस्पर्धा की प्रवृत्ति समाप्त करना है।
- दुर्बल वर्ग की सहायता भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य दुर्बल वर्गों; जैसे-छोटे व्यापारी, रिक्शा चालक, टैक्सी चालक, आदि को सरल व सस्ते ऋण उपलब्ध करवाना है।
- भारतीय मुद्रा बाजार का विकास भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य भारतीय मुद्रा बाजार का अधिकतम विकास करना है।
- नई शाखाएँ खोलने की नीति भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों में बैंक की शाखाएँ खोलकर बैंकिंग प्रणाली का विकास करना है।
भारतीय स्टेट बैंक की उपलब्धियाँ भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं-
1. भारतीय बैंकों पर विदेशी प्रभाव की समाप्ति भारत में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के बाद भारत के सभी बैंकों पर विदेशी प्रभाव समाप्त हो गया तथा भारतीयों के साथ किए जाने वाले भेदभाव की समस्याओं का भी अन्त हो गया।
2. बैंकिंग सुविधाओं का विकास भारत में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना होने से कई प्रकार की बैंकिंग सुविधाओं का विकास हुआ है। सन् 1955-56 में स्टेट बैंक व उसके सहायक बैंकों की लगभग 500 शाखाएँ थीं, जो वर्तमान में लगभग 18,992 हो गई हैं।
3. ग्रामीण साख-सुविधाएँ भारतीय स्टेट बैंक ने सभी प्रकार के ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने के लिए भूमि विकास बैंकों, सहकारी समितियों और सहकारी क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को अल्पकालीन व मध्यकालीन ऋण प्रदान किए हैं।
4. विदेशी मुद्रा व्यवसाय भारतीय स्टेट बैंक अनेक प्रकार की विदेशी मुद्राओं में लेन-देन करता है, जिससे विदेशी भुगतानों में सहायता मिलती है।
5. लघु उद्योगों को सहायता भारतीय स्टेट बैंक लघु उद्योगों के विकास के लिए सभी प्रकार के ऋण (अल्पावधि, मध्यावधि एवं दीर्घावधि) उपलब्ध कराने में सहायता करता है। यह राज्य सहकारी बैंक, राज्य वित्त निगम व राज्य उद्योग विभाग के साथ मिलकर साख व्यवस्था को पूरा करता है।
6. प्रशिक्षण सुविधा भारतीय स्टेट बैंक ने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण की व्यापक व्यवस्था की है। इसके लिए 28 प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है।
7. मुद्रा-सुविधाएँ भारतीय स्टेट बैंक सभी अनुसूचित बैंकों एवं सहकारी बैंकों को सप्ताह में तीन बार निःशुल्क धन भेजने की सुविधा उपलब्ध करवाता है।
8. विदेशी व्यापार में सहायता भारतीय स्टेट बैंक निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह व्यावसायियों को आवश्यक विदेशी मुद्रा भी उपलब्ध करवाता है।
9. आँकड़ों का प्रकाशन भारतीय स्टेट बैंक देश की आर्थिक स्थिति के बारे में महत्त्वपूर्ण आँकड़ों को एकत्र करके उनका प्रकाशन करता है।
प्रश्न 3.
स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया पर निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना 1 जुलाई, 1955 को इम्पीरियल बैंक का राष्ट्रीयकरण किया गया तथा इसका नाम बदलकर भारतीय स्टेट बैंक कर दिया गया। इसका मुख्यालय मुम्बई में स्थित है तथा इसकी स्थापना अखिल भारतीय ग्रामीण साख सर्वेक्षण कमेटी के सुझाव पर की गई थी। यह केन्द्रीय बैंक का प्रतिनिधि बैंक है। यह साख नियन्त्रण का कार्य नहीं करता है।
भारतीय स्टेट बैंक की पूँजी भारतीय स्टेट बैंक की निर्गमित, अभिदत्त व प्रदत्त पूँजी को मिलाकर कुल पूँजी ₹ 17,203 करोड़ है। भारतीय स्टेट बैंक ने ₹ 238 करोड़ के अंश निजी क्षेत्र में बेचे हुए हैं। स्टेट बैंक की प्रदत्त पूँजी का 93% भाग रिज़र्व बैंक के पास है व शेष 7% भाग निजी अंशधारियों के पास है। इसकी अधिकृत पूँजी ₹ 1,000 करोड़ है। इसके समता अंशों का अंकित मूल्य ₹ 10 प्रति अंश है।
भारतीय स्टेट बैंक के कार्यालय भारतीय स्टेट बैंक का केन्द्रीय कार्यालय मुम्बई में स्थित है। इसके अलावा 13 स्थानीय कार्यालय नई दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पटना, हैदराबाद, भोपाल, कानपुर, बंगलुरु, भुवनेश्वर, चण्डीगढ़ और गुवाहाटी में स्थित हैं।
भारतीय स्टेट बैंक के कार्य
भारतीय स्टेट बैंक के कार्य भारतीय स्टेट बैंक के कार्यों को निम्नलिखित दो भागों में बाँटा जा सकता है-
I. रिज़र्व बैंक के एजेण्ट के रूप में कार्य
1. समाशोधन-गृह के रूप में कार्य जिस स्थान पर रिज़र्व बैंक की शाखा नहीं होती, वहाँ भारतीय स्टेट बैंक रिज़र्व बैंक की ओर से समाशोधन-गृह के रूप में कार्य करता है। यह अन्य बैंकों को धन के हस्तान्तरण के लिए सुलभ व सस्ती सुविधा भी प्रदान करता है।
2. सरकार के बैंक के रूप में कार्य भारतीय स्टेट बैंक केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के कोषों को अपने पास सुरक्षित रखता है, सरकार के आदेशानुसार भुगतान करता है, सरकार द्वारा लिए जाने वाले सार्वजनिक ऋण की व्यवस्था करता है तथा उनके धन का लेन-देन करता है। इस प्रकार यह सरकार का बैंकर है।
3. बैंकों का बैंक के रूप में कार्य भारतीय स्टेट बैंक व्यापारिक बैंकों से जमा स्वीकार करता है और आवश्यकता पड़ने पर उनके बिलों की पुनर्कटौती करके तथा प्रतिभूतियों की जमानत पर उन्हें ऋण भी देता है।
II. व्यापारिक बैंक के रूप में सामान्य बैंकिंग सम्बन्धी कार्य
1. विनिमय-विपत्रों का क्रय-विक्रय करना एवं भुनाना यह विनिमय बिलों तथा विनिमय साख बिलों को लिखता है, स्वीकार करता है तथा भुनाता है।
2. एजेन्सी सम्बन्धी कार्य यह कई प्रकार के एजेन्सी सम्बन्धी कार्य भी करता है; जैसे
- यह प्रतिज्ञा-पत्र, चैक तथा हुण्डियों, आदि को भुनाता है और राशि एकत्रित करता है।
- यह ग्राहकों की ओर से भुगतान करता है।
- यह अंशों एवं प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करता है।
- यह ग्राहकों को आर्थिक सलाह प्रदान करता है।
3. ऋण तथा अग्रिम प्रदान करना इसके द्वारा व्यवसायियों की माँग पर अन्य सामान्य बैंकों की भाँति ऋण एवं अग्रिम, अधिविकर्ष, नकद साख एवं पुनर्कटौती की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
4. जनता से जमा स्वीकार करना यह बैंक अन्य व्यापारिक बैंकों की तरह जनता से विभिन्न खातों द्वारा धन प्राप्त करता है। इसके लिए यह विभिन्न प्रकार की आकर्षक योजनाएँ बनाता है।
5. प्रतिभूतियों में विनियोजन अन्य व्यापारिक बैंकों की भाँति भारतीय स्टेट बैंक अपने कोष का सरकारी प्रतिभूतियों, रेलवे प्रतिभूतियों, राज्य सरकार की प्रतिभूतियों, कॉपोरेशन की प्रतिभूतियों तथा ट्रेज़री बिलों, आदि में विनियोग करता है।
6. अन्य कार्य उपरोक्त कार्यों के अतिरिक्त भारतीय स्टेट बैंक निम्नलिखित कार्य करता है-
- यह सोने व चाँदी का क्रय-विक्रय करता है।
- यह बहुमूल्य वस्तुओं को सुरक्षित रखता है।
- किसानों को प्रत्यक्ष ऋण प्रदान करता है।
- सहकारी बैंकों के एजेण्ट के रूप में कार्य करता है।
- रिज़र्व बैंक द्वारा सौंपे गए कार्य करता है।
भारतीय स्टेट बैंक के उद्देश्य व उपलब्धियाँ
भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के उद्देश्य भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
- ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग प्रणाली का विकास करना ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली का विकास करना है।
- रिज़र्व बैंक की साख नियन्त्रण में सहायता रिज़र्व बैंक के प्रत्यक्ष नियन्त्रण में होने के कारण भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य उसकी मौद्रिक और साख नीतियों का पालन करके उसकी साख नियन्त्रण में सहायता करना है।
- कृषि वित्त में सहायता करना भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य कृषि कार्यो; जैसे-खाद, बीज, हल व कृषि उपकरण, आदि खरीदने के लिए ऋण प्रदान करना है।
- सरकार की आर्थिक नीति के संचालन में सहायता देना भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य सरकार की आर्थिक नीतियों के उचित संचालन में सहायता करना है।
- कृषि विपणन समितियों की स्थापना में सहायता करना भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य कृषि विपणन समितियों की स्थापना में सहयोग प्रदान करना है।
- उद्योग व व्यापार को प्रोत्साहन भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य कृषि के विकास के साथ-साथ उद्योग व व्यापार का विकास करना है।
- अनुचित प्रतिस्पर्धा भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना का उद्देश्य अन्य बैंकों से अनुचित प्रतिस्पर्धा की प्रवृत्ति समाप्त करना है।
- दुर्बल वर्ग की सहायता भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य दुर्बल वर्गों; जैसे-छोटे व्यापारी, रिक्शा चालक, टैक्सी चालक, आदि को सरल व सस्ते ऋण उपलब्ध करवाना है।
- भारतीय मुद्रा बाजार का विकास भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य भारतीय मुद्रा बाजार का अधिकतम विकास करना है।
- नई शाखाएँ खोलने की नीति भारतीय स्टेट बैंक का उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों में बैंक की शाखाएँ खोलकर बैंकिंग प्रणाली का विकास करना है।
भारतीय स्टेट बैंक की उपलब्धियाँ भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं-
1. भारतीय बैंकों पर विदेशी प्रभाव की समाप्ति भारत में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना के बाद भारत के सभी बैंकों पर विदेशी प्रभाव समाप्त हो गया तथा भारतीयों के साथ किए जाने वाले भेदभाव की समस्याओं का भी अन्त हो गया।
2. बैंकिंग सुविधाओं का विकास भारत में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना होने से कई प्रकार की बैंकिंग सुविधाओं का विकास हुआ है। सन् 1955-56 में स्टेट बैंक व उसके सहायक बैंकों की लगभग 500 शाखाएँ थीं, जो वर्तमान में लगभग 18,992 हो गई हैं।
3. ग्रामीण साख-सुविधाएँ भारतीय स्टेट बैंक ने सभी प्रकार के ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने के लिए भूमि विकास बैंकों, सहकारी समितियों और सहकारी क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को अल्पकालीन व मध्यकालीन ऋण प्रदान किए हैं।
4. विदेशी मुद्रा व्यवसाय भारतीय स्टेट बैंक अनेक प्रकार की विदेशी मुद्राओं में लेन-देन करता है, जिससे विदेशी भुगतानों में सहायता मिलती है।
5. लघु उद्योगों को सहायता भारतीय स्टेट बैंक लघु उद्योगों के विकास के लिए सभी प्रकार के ऋण (अल्पावधि, मध्यावधि एवं दीर्घावधि) उपलब्ध कराने में सहायता करता है। यह राज्य सहकारी बैंक, राज्य वित्त निगम व राज्य उद्योग विभाग के साथ मिलकर साख व्यवस्था को पूरा करता है।
6. प्रशिक्षण सुविधा भारतीय स्टेट बैंक ने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण की व्यापक व्यवस्था की है। इसके लिए 28 प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है।
7. मुद्रा-सुविधाएँ भारतीय स्टेट बैंक सभी अनुसूचित बैंकों एवं सहकारी बैंकों को सप्ताह में तीन बार निःशुल्क धन भेजने की सुविधा उपलब्ध करवाता है।
8. विदेशी व्यापार में सहायता भारतीय स्टेट बैंक निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह व्यावसायियों को आवश्यक विदेशी मुद्रा भी उपलब्ध करवाता है।
9. आँकड़ों का प्रकाशन भारतीय स्टेट बैंक देश की आर्थिक स्थिति के बारे में महत्त्वपूर्ण आँकड़ों को एकत्र करके उनका प्रकाशन करता है।
भारतीय स्टेट बैंक की असफलताएँ
- यह शाखाओं का विस्तार करने की नीति में पूर्ण रूप से सफल नहीं हुआ
- इसके द्वारा नौकरशाही को बढ़ावा मिलता है।
- यह नई शाखाओं को प्रारम्भ करने में उचित प्राथमिकता से कार्य करने में असफल रहा है।
- यह ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त वित्त की व्यवस्था नहीं करता है।
प्रश्न 4.
भारतीय स्टेट बैंक के प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए। देश की अर्थव्यवस्था में इसके महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
भारतीय स्टेट बैंक के कार्य
भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना 1 जुलाई, 1955 को इम्पीरियल बैंक का राष्ट्रीयकरण किया गया तथा इसका नाम बदलकर भारतीय स्टेट बैंक कर दिया गया। इसका मुख्यालय मुम्बई में स्थित है तथा इसकी स्थापना अखिल भारतीय ग्रामीण साख सर्वेक्षण कमेटी के सुझाव पर की गई थी। यह केन्द्रीय बैंक का प्रतिनिधि बैंक है। यह साख नियन्त्रण का कार्य नहीं करता है।
भारतीय स्टेट बैंक की पूँजी भारतीय स्टेट बैंक की निर्गमित, अभिदत्त व प्रदत्त पूँजी को मिलाकर कुल पूँजी ₹ 17,203 करोड़ है। भारतीय स्टेट बैंक ने ₹ 238 करोड़ के अंश निजी क्षेत्र में बेचे हुए हैं। स्टेट बैंक की प्रदत्त पूँजी का 93% भाग रिज़र्व बैंक के पास है व शेष 7% भाग निजी अंशधारियों के पास है। इसकी अधिकृत पूँजी ₹ 1,000 करोड़ है। इसके समता अंशों का अंकित मूल्य ₹ 10 प्रति अंश है।
भारतीय स्टेट बैंक के कार्यालय भारतीय स्टेट बैंक का केन्द्रीय कार्यालय मुम्बई में स्थित है। इसके अलावा 13 स्थानीय कार्यालय नई दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पटना, हैदराबाद, भोपाल, कानपुर, बंगलुरु, भुवनेश्वर, चण्डीगढ़ और गुवाहाटी में स्थित हैं।
भारतीय स्टेट बैंक के कार्य
भारतीय स्टेट बैंक के कार्य भारतीय स्टेट बैंक के कार्यों को निम्नलिखित दो भागों में बाँटा जा सकता है-
I. रिज़र्व बैंक के एजेण्ट के रूप में कार्य
1. समाशोधन-गृह के रूप में कार्य जिस स्थान पर रिज़र्व बैंक की शाखा नहीं होती, वहाँ भारतीय स्टेट बैंक रिज़र्व बैंक की ओर से समाशोधन-गृह के रूप में कार्य करता है। यह अन्य बैंकों को धन के हस्तान्तरण के लिए सुलभ व सस्ती सुविधा भी प्रदान करता है।
2. सरकार के बैंक के रूप में कार्य भारतीय स्टेट बैंक केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के कोषों को अपने पास सुरक्षित रखता है, सरकार के आदेशानुसार भुगतान करता है, सरकार द्वारा लिए जाने वाले सार्वजनिक ऋण की व्यवस्था करता है तथा उनके धन का लेन-देन करता है। इस प्रकार यह सरकार का बैंकर है।
3. बैंकों का बैंक के रूप में कार्य भारतीय स्टेट बैंक व्यापारिक बैंकों से जमा स्वीकार करता है और आवश्यकता पड़ने पर उनके बिलों की पुनर्कटौती करके तथा प्रतिभूतियों की जमानत पर उन्हें ऋण भी देता है।
II. व्यापारिक बैंक के रूप में सामान्य बैंकिंग सम्बन्धी कार्य
1. विनिमय-विपत्रों का क्रय-विक्रय करना एवं भुनाना यह विनिमय बिलों तथा विनिमय साख बिलों को लिखता है, स्वीकार करता है तथा भुनाता है।
2. एजेन्सी सम्बन्धी कार्य यह कई प्रकार के एजेन्सी सम्बन्धी कार्य भी करता है; जैसे
- यह प्रतिज्ञा-पत्र, चैक तथा हुण्डियों, आदि को भुनाता है और राशि एकत्रित करता है।
- यह ग्राहकों की ओर से भुगतान करता है।
- यह अंशों एवं प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करता है।
- यह ग्राहकों को आर्थिक सलाह प्रदान करता है।
3. ऋण तथा अग्रिम प्रदान करना इसके द्वारा व्यवसायियों की माँग पर अन्य सामान्य बैंकों की भाँति ऋण एवं अग्रिम, अधिविकर्ष, नकद साख एवं पुनर्कटौती की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
4. जनता से जमा स्वीकार करना यह बैंक अन्य व्यापारिक बैंकों की तरह जनता से विभिन्न खातों द्वारा धन प्राप्त करता है। इसके लिए यह विभिन्न प्रकार की आकर्षक योजनाएँ बनाता है।
5. प्रतिभूतियों में विनियोजन अन्य व्यापारिक बैंकों की भाँति भारतीय स्टेट बैंक अपने कोष का सरकारी प्रतिभूतियों, रेलवे प्रतिभूतियों, राज्य सरकार की प्रतिभूतियों, कॉपोरेशन की प्रतिभूतियों तथा ट्रेज़री बिलों, आदि में विनियोग करता है।
6. अन्य कार्य उपरोक्त कार्यों के अतिरिक्त भारतीय स्टेट बैंक निम्नलिखित कार्य करता है-
- यह सोने व चाँदी का क्रय-विक्रय करता है।
- यह बहुमूल्य वस्तुओं को सुरक्षित रखता है।
- किसानों को प्रत्यक्ष ऋण प्रदान करता है।
- सहकारी बैंकों के एजेण्ट के रूप में कार्य करता है।
- रिज़र्व बैंक द्वारा सौंपे गए कार्य करता है।
देश की अर्थव्यवस्था में भारतीय स्टेट बैंक का महत्त्व
भारतीय स्टेट बैंक का देश की अर्थव्यवस्था में महत्त्व निम्नलिखित है-
1. निर्यात संवर्द्धन योजना निर्यातकों को सुविधापूर्वक ऋण प्रदान करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने निर्यात संवर्द्धन योजना चालू की है।
2. सहकारी बैंकों और सहकारी समितियों की उदारतापूर्वक सहायता भारतीय स्टेट बैंक ने देश के सहकारी बैंकों व सहकारी समितियों की सहायता करके इनके विकास में योगदान दिया है।
3. कृषि व लघु उद्योगों को साख सुविधा भारतीय स्टेट बैंक ने कृषि व लघु उद्योगों के क्षेत्र में वित्त व साख-सुविधाओं में बड़ी तेजी से विस्तार किया है।
4. कर्मचारियों व अधिकारियों के प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था भारतीय स्टेट बैंक ने कुशल व योग्य कर्मचारी तैयार करने के लिए इनके प्रशिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था की है।
5. रिज़र्व बैंक का सहायक भारतीय स्टेट बैंक, रिज़र्व बैंक के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है। यह उन स्थानों पर प्रतिनिधि का कार्य करता है, जहाँ पर रिज़र्व बैंक की शाखाएँ न हों।
6. बैंकरहित क्षेत्रों में बैंकिंग विकास बैंकों से पिछड़े हुए क्षेत्रों में अधिकाधिक शाखाएँ स्थापित करके भारतीय स्टेट बैंक ने बैंकरहित क्षेत्रों का विकास किया है।
7. आर्थिक दृष्टि से दुर्बल वर्गों की सहायता समाजवादी अर्थव्यवस्था की स्थापना के उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में भारतीय स्टेट बैंक ने महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
8. विदेशी बैंकों के प्रभाव का अन्त ‘इम्पीरियल बैंक ऑफ इण्डिया’ का राष्ट्रीयकरण होने के पश्चात् भारतीयों के शोषण व उनके साथ किए जाने वाले भेदभाव की समस्या का अन्त हो गया है।
9. एटीएम, डेबिट कार्ड द्वारा भुगतान की योजना भारतीय स्टेट बैंक ने उपभोक्ता बिलों व मोबाइल के प्रीपेड की जमा राशि का एटीएम, डेबिट कार्ड द्वारा भुगतान करने की योजना प्रारम्भ की है। यह बैंक एटीएम की संख्या में निरन्तर वृद्धि कर रहा है।
10. ब्याज तथा साख दर पर नियन्त्रण भारतीय स्टेट बैंक के पास काफी मात्रा में धन जमा होने के कारण यह अपनी ब्याज की दर तथा साख नीति के द्वारा साख की मात्रा को नियन्त्रित करता है।
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