UP Board Solutions for Class 12 English Poetry Short Stories Chapter 2 An Astrologer’s Day

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UP Board Solutions for Class 12 English Poetry Short Stories Chapter 2 An Astrologer’s Day

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UP Board Solutions for Class 12 English Poetry Short Stories Chapter 2 An Astrologer’s Day

STORY at a Glance

Once in a town on a busy crossing an astrologer used to sit under a tamarind tree from morning till evening. He was so dressed and with all his equipments spread before him that the people were attracted towards him in a large number. He also answered their questions in such a way that most of them were satisfied. One evening when the astrologer was ready to go home, a man came to him and pressured him to answer his questions. Under the pressure of his client he had to answer his questions. As soon as the man lit his cigar, the astrologer caught a glimpse of his face by the matchlight. The astrologer felt uncomfortable yet he gathered courage.

The man said, “Shall I succeed in my present search ?” The astrologer said, “You were left for dead. Am I right ?” “Ah, tell me more.” “A knife has passed through you.once ?” said the astrologer. “Good fellow !” He bared his chest to show the scar. “What else ?” “And then you were pushed into a well near by in the field. You were left for dead.” “I should have been dead if some passer-by had not chanced to peep into the well.” exclaimed the other overwhelmed by enthusiasm. “When shall I get at him ?” he asked, clenching his fist. “In the next world,” answered the astrologer. “He died four months ago irrä far off town. You will never see any more of him.” The other groaned on hearing it. The astrologer proceeded.” “Guru Nayak….”5.30g! WET “You know my name also ! the other said in a surprise.”

“I know everything, Guru Nayak. Listen to me carefully. Your village is two days journey in the north. Take the next train and go away. There is a danger to your life if you go away from home. Take this sacred ash and rub it on your forehead and go home. Never travel southward again.” The astrologer also told him that his enemy was crushed under a lorry and died. Hearing this the man was delighted. He gave the astrologer a handful of coins and went away. Now it was too late. The astrologer picked up his articles and reached home. His wife was waiting for him anxiously. After dinner he told her the whole story how he misguided his enemy and assured him that his enemy was not alive. So, he left his search. In this way from that day he was the most carefree man.

कहानी पर एक दृष्टि

एक बार एक नगर में एक ज्योतिषी इमली के पेड़ के नीचे एक व्यस्त चौराहे पर सवेरे से शाम तक बैठा करता था। वह ऐसे वस्त्र पहनता था और अपना सारा सामान अपने सामने इस प्रकार फैला लेता था कि बड़ी :संख्या में लोग उसकी ओर आकर्षित होते थे। वह उनके अधिकांश प्रश्नों के उत्तर भी इस प्रकार देता था कि उनमें से अधिकांश सन्तुष्ट हो जाते थे। एक दिन शाम को जब ज्योतिषी घर जाने को तैयार था, तब एक आदमी उसके पास आया और अपने प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उस पर दबाव डाला। अपने ग्राहक के दबाव में उसके प्रश्नों के उत्तर उसे देने पड़े। ज्योंही उस व्यक्ति ने अपना सिगार जलाया, माचिस की रोशनी में ज्योतिषी ने उस व्यक्ति के चेहरे की झलक देखी। ज्योतिषी परेशान हो गया किन्तु उसने साहस बटोरी। उस व्यक्ति ने कहा, “क्या मैं अपनी वर्तमान तलाश में सफल होऊँगा या नहीं ?” ज्योतिषी ने कहा, “तुम मृतप्रायः छोड़ दिए गए थे। क्या मैं ठीक हूँ?.

अरे, मुझे कुछ और बताओ।” एक बार तुम्हारे ऊपर चाकू से वार हुआ।” ज्योतिषी ने कहा। अच्छे व्यक्ति,” उसने अपने घाव दिखाने के लिए छाती खोली। और भी कुछ ?” और फिर तुम्हें खेत में पास के कुएँ में धकेल दिया गया। तुम्हें मृतप्रायः छोड़ा गया।” यदि कुछ व्यक्ति जो उस रास्ते से जा रहे थे कुएँ में न झाँकते तो मैं मर गया होता।’ दूसरा व्यक्ति चिल्लाया। वह आदमी जोश में भर गया। अपनी मुट्ठी मारते हुए उसने पूछा, “मैं उसे कब पकड़ पाऊँगा ?”अगले संसार में,” ज्योतिषी ने उत्तर दिया, “वह चार महीने पूर्व एक दूर के नगर में मर गया। तुम उसे अब कभी नहीं देख पाओगे।’ यह सुनकर दूसरा व्यक्ति गुर्राया। ज्योतिषी ने आगे कहा— गुरु नायक !”

आप मेरा नाम भी जानते हो।’ दूसरे व्यक्ति ने आश्चर्य से कहा।। “ऐ गुरु नायक, मैं सभी कुछ जानता हूँ। मेरी बात ध्यान से सुनो। तुम्हारा गाँव उत्तर की ओर है। यात्रा में दो दिन लगते हैं। अगली गाड़ी पकड़ो और यहाँ से चले जाओ। यदि तुम घर से बाहर जाओगे तब तुम्हारे जीवन को खतरा है। यह पवित्र राख लो और इसे अपने माथे पर मलो और घर जाओ। दक्षिण की ओर पुनः यात्रा मत करना।” ज्योतिषी ने यह भी बताया कि उसका शत्रु एक लॉरी के नीचे कुचल गया और मर गया। यह सुनकर वह व्यक्ति बहुत प्रसन्न हुआ। उसने ज्योतिषी को एक मुट्ठी भर सिक्के दे दिए और चला गया। अब बहुत देर हो गई थी। ज्योतिषी ने अपना सामान उठाया और घर पहुँच गया। उसकी पत्नी उत्सुकता से उसकी प्रतीक्षा कर रही थी। रात्रि भोजन के बाद उसने उसे पूरी कहानी सुना दी कि किस प्रकार उसने अपने दुश्मन को बहकाया और उसे विश्वास दिला दिया कि उसका दुश्मन जीवित नहीं है। इसलिए उसने अपनी तलाश छोड़ दी। इस प्रकार उस दिन से वह अत्यन्त निश्चिन्त व्यक्ति था।

Understanding the Text

Short Answer Type Questions

Answer two of the following questions in not more than 30 words each:
Question 1.
Who was this astrologer ? Why did he leave his house ? . [2013, 15, 18]
(ज्योतिषी कौन था ? उसने अपना घर क्यों छोड़ा ?)
Answer.
This astrologer was the son of a farmer. He had murdered a man. He was a convict. So he left his home without telling anybody.
(यह ज्योतिषी एक किसान का बेटा था। उसने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। अतः वह एक अपराधी था। इसलिए उसने बिना किसी को बताए हुए अपना घर छोड़ दिया।)

Question 2.
Why did he choose this profession ?
(उसने यह व्यवसाय क्यों चुना ?)
Answer.
He chose this profession so that he might not be traced out by his enemy.
(उसने यह व्यवसाय इसलिए चुना ताकि उसका दुश्मन उसका पता न लगा सके।)

Question 3.
What place did he choose for it ? How was it a suitable place ?
(उसने इसके लिए कौन-सा स्थान चुना ? क्या यह एक उपयुक्त स्थान था ?)
Answer.
He chose a place near a busy crossing under a tamarind tree. It was a suitable place because the people of all trades passed by that way.
(उसने एक व्यस्त चौराहे के पास इमली के पेड़ के नीचे एक स्थान चुना। यह उपयुक्त स्थान था क्योंकि सभी व्यवसायों के व्यक्ति उस रास्ते से गुजरते थे।)

Question 4.
What are the equipments of an astrologer which he took with him ?
(ज्योतिषी का क्या सामान था जिसे उसने अपने साथ रखा ?)
Answer.
He took with him a dozen cowrie shells, a square of cloth with obscure mystic charts on it, a note book and a bundle of palmyra writings.
(उसने अपने पास एक दर्जन कौड़ी, एक चौकोर कपड़े का टुकड़ा जिस पर अस्पष्ट गहन चार्ट बने हुए थे, एक नोट बुक तथा खजूर की पत्तियों पर लिखे हुए कुछ लेख रखे।)

Question 5.
How did he look like an astrologer ?
(वह एक ज्योतिषी की भाँति कैसे दिखाई पड़ता था?)
Answer.
He looked like an astrologer because he had rubbed pious dust and vermilion on his forehead, a saffron coloured turban on his head, dark and long whiskers with all the equipments of an astrologer spread before him.
(वह एक ज्योतिषी की भाँति मालूम पड़ता था क्योंकि उसने अपने माथे पर पवित्र राख और सिन्दूर लगा रखा था, एक गेरुआ रंग का साफा सिर पर बाँध लिया था, काली और लम्बी मूंछे थीं तथा एक ज्योतिषी का सारा सामान अपने सामने फैला रखा था।)

Question 6.
What did his clients find in his eyes ? How did they feel ?
(उसके ग्राहक उसकी आँखों में क्या पाते थे ? वे कैसा अनुभव करते थे ?)
Answer.
His clients found a prophetic light in his eyes. They felt comforted.
(उसके ग्राहक उसकी आँखों में एक भविष्यवक्ता का प्रकाश पाते थे। उन्हें आराम मिलता था।)

Question 7.
Could he satisfy his customers ? How ?
(क्या वह अपने ग्राहकों को सन्तुष्ट कर देता था ? कैसे ?)
Answer.
He satisfied his customers because he had studied about the general problems of the people. He had much experience. He had a good common sense. He gave such answers as satisfied all.
(वह अपने ग्राहकों को सन्तुष्ट कर देता था क्योंकि उसने लोगों की सामान्य समस्याओं का अध्ययन किया था। उसे काफी अनुभव था। उसे सामान्य ज्ञान भी था। वह ऐसे उत्तर देता था जो सभी को सन्तुष्ट कर देते थे।),

Question 8.
What trick did he use in making a guess of the problems of his client ?
(अपने ग्राहकों की समस्याओं का अनुमान लगाने में वह किस युक्ति का प्रयोग करता था?)
Answer.
In making a guess of the problems of his clients, he let them speak first as much as they could. He listened to them patiently and guessed about their problems.
(अपने ग्राहकों की समस्याओं का अनुमान लगाने में वह पहले उन्हीं को बोलने देता था जितनां वे ब्रोल सकें। वह उन्हें ध्यान से सुनता था और उनकी समस्याओं का अनुमान लगाता था।)

Question 9.
What fee did he charge from his clients ?
(अपने ग्राहकों से वह कितनी फीस लेता था ?)
Answer.
He charged three pies per question from his clients.
(अपने ग्राहकों से वह तीन पैसे प्रति प्रश्न लेता था।)

Question 10.
What was the usual time which he devoted to his profession?
(वह अपने व्यवसाय में साधारणतः कितना समय लगाता था ?)
Answer.
Usually he started his profession at mid-day and continued till late in the evening
(साधारणतः वह अपना व्यवसाय दोपहर के समय आरम्भ करता था और देर शाम तक जारी रखता था।

Question 11.
Who happened to come to him one day when he was ready to go home ?
(जब एक दिन वह घर जाने के लिए तैयार था तब कौन आया ?)

Or

What happened one evening when the astrologer was preparing to go home? [2013]
(एक दिन शाम को जब ज्योतिषी घर जाने की तैयारी कर रहा था तब क्या हुआ ?)

Or

Why did the astrologer feel very uncomfortable in the presence of the stranger ? [2011]
(आगन्तुक की उपस्थिति में ज्योतिषी ने बेचैनी का अनुभव क्यों किया ?)

Or

What made the astrologer feel uncomfortable? [2017]
(किस बात ने ज्योतिषी को बेचैन कर दिया?)
Answer.
One day when he was ready to go home, a man named Guru Nayak came to him in the dark. He was the astrologer’s enemy and he was in search of him. So he felt very uncomfortable in his presence.
(एक दिन जब वह घर जाने को तैयार था तब अँधेरे में उसके पास एक गुरु नायक नामक व्यक्ति आया। वह ज्योतिषी का दुश्मन था और वह उसकी तलाश में था। अतः वह उसकी उपस्थिति में बड़ा बेचैन रहा।)

Question 12.
Who recognised whom and who did not recognise ?
(किसने किसको पहचाना और किसने नहीं पहचाना ?) ।
Answer.
The astrologer recognised the man but the man did not recognise the astrologer.
(ज्योतिषी ने उस व्यक्ति को पहचान लिया किन्तु वह व्यक्ति ज्योतिषी को नहीं पहचान पाया।)

Question 13.
How did the astrologer behave with him ?
(ज्योतिषी ने उसके साथ कैसा व्यवहार किया ?)
Answer.
The astrologer behaved with him like a client. He did not let him know about himself.
(ज्योतिषी ने उसके साथ एक ग्राहक जैसा व्यवहार किया। उसे अपने विषय में कुछ नहीं जानने दिया।)

Question 14.
Did the astrologer answer his questions willingly? How?
(क्या ज्योतिषी ने उसके प्रश्नों के उत्तर राजी से दिए ? कैसे ?)
Answer.
The astrologer did not answer his questions willingly. First of all, he refused him. At this the man held his wrist and threatened him that he would not let him go home until he answered his questions. Then, the astrologer agreed to answer his questions..

(ज्योतिषी ने उसके प्रश्नों के उत्तर राजी से नहीं दिए। पहले उसने उसे मना कर दिया। इस पर उस व्यक्ति ने उसकी कलाई पकड़ ली और उसे धमकाया कि जब तक वह उसके प्रश्नों के उत्तर नहीं दे देता वह उसे घर नहीं जाने देगा। तब ज्योतिषी उत्तर देने को राजी हुआ।) ।

Question 15.
What was the load that the astrologer had been keeping in his mind and , how did he get rid of it?
(वह कौन-सा बोझ था जो ज्योतिषी अपने मस्तिष्क में रखे हुए था और उसने इससे कैसे छुटकारा पाया ?)

Or

How did the astrologer in the story ‘An Astrologer’s Day. get freedom from fear of revenge and punishment ? [2010, 12]
(ज्योतिषी ने AnAstrologer’s Day’ कहानी में बदले के भय और दण्ड से कैसे मुक्ति पाई ?)


Or

What was the advice astrologer gave the stranger ? [2014]
(ज्योतिषी ने उस आगन्तुक को क्या नसीहत दी ?)

Or

How could the astrologer get rid of the stranger ? . [2015, 18]
(ज्योतिषी, आगन्तुक से कैसे छुटकारा पा सका ?)
Answer.
The astrologer had murdered a man. So, he was always in fear of being caught. One day his enemy came before him in the dark of evening as his customer. The astrologer recognised him. So by his clever trick he made him assure that his enemy had died long before. So, he should leave his search and return home. Thus, he got rid of the load which he had been keeping in his mind.

(ज्योतिषी ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इसलिए वह सदा पकड़े जाने के भय में रहता था। एक दिन शाम के अँधेरे में उसका दुश्मन उसके सामने ग्राहक के रूप में आ गया। ज्योतिषी उसे पहचान गया। अतः उसने चालाकी से उसे यह यकीन दिला दिया कि उसका दुश्मन काफी पहले मर गया है। अतः उसे उसकी खोज छोड़ देनी चाहिए और घर लौट जाना चाहिए। इस प्रकार उसने उस बोझ से छुटकारा पा लिया जिसे वह अपने मस्तिष्क में रखे हुआ था।)

Question 16.
How much amount did the man give to the astrologer ? :
(उस व्यक्ति ने ज्योतिषी को कितना धन दिया ?)
Answer.
The man gave the astrologer all the money that he had.
(उस व्यक्ति ने ज्योतिषी को वह सारा धन दे दिया जो उसके पास था।)।

Question 17.
When did the astrologer reach home? Whom did he see at the door ?
(ज्योतिषी घर कब पहुँचा? उसने दरवाजे पर किसको देखा ?)
Answer.
The astrologer reached home at mid-night. He saw his wife at the door waiting for him anxiously
(ज्योतिषी घर अर्द्धरात्रि के समय पहुँचा। उसने दरवाजे पर अपनी स्त्री को व्याकुलता से उसकी प्रतीक्षा करते हुए देखा।)

Question 18.
What did the astrologer do when his wife asked him the explanation of being late ?
(ज्योतिषी ने उस समय क्या किया जब उसकी पत्नी ने उससे देर होने का कारण पूछा ?)
Answer.
When his wife asked him the explanation of being late, he piled a lot of money before her.
(जब उसकी पत्नी ने उससे देर होने का कारण पूछा तब उसने उसके सामने ढेर सारे धन का ढेर लगा दिया।)

Question 19.
What was its reaction on his wife ?
(उसकी पत्नी पर इसकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?) ।
Answer.
Seeing so much money his wife was overjoyed.
(इतना सारा धन देखकर उसकी पत्नी अत्यन्त प्रसन्न हो गई।)।

Question 20.
What plan did his wife make to spend the money ?
(धन को खर्च करने के विषय में उसकी पत्नी ने क्या योजना बनाई ?)
Answer.
His wife decided to buy some jaggery and coconut to prepare some sweets for her child.
(उसकी पत्नी ने एक प्रकार की चीनी और नारियल खरीदने का निश्चय किया कि वह अपने बच्चे के लिए कुछ मिठाई बना सके।)

Question 21.
When did the astrologer tell his wife the reason of his being late ?
(ज्योतिषी ने अपनी पत्नी को देरी होने का कारण कब बताया ?)

Or

What did the astrologer tell her wife after dinner ? [2017, 18]
(रात्रि के भोजन के बाद ज्योतिषी ने अपनी पत्नी से क्या कहा ?)
Answer.
After taking dinner, the astrologer told his wife the reason of his being late.
(रात्रि का भोजन करने के बाद ज्योतिषी ने अपनी पत्नी को देरी होने का कारण बताया।)

Question 22.
What reason did he tell her ?
(उसने उसे क्या कारण बताया ?)
Answer.
He told her that a client came to him when he was ready to come home.
(उसने उसे बताया कि जब वह घर आने को तैयार थी तभी एक ग्राहक आ गया।)

Question 23.
Where is the climax of the story ? How does the story end ?
(कहानी की चरम सीमा कहाँ है ? कहानी का अन्त कैसे होता है ?)
Answer.
The climax of the story is when the client returns fully satisfied. The story ends in a happy mood.
(कहानी की चरम सीमा वहीं पर होती है जहाँ ग्राहक पूर्ण सन्तुष्ट होकर लौट जाता है। कहानी का आनन्द के वातावरण में अन्त होता है।)

Question 24.
What did the astrologer tell Guru Nayak about his enemy’s death ?
(ज्योतिषी ने गुरु नायक को उसके दुश्मन की मृत्यु के विषय में क्या बताया ?)

Or

What advice did the astrologer give the stranger ? [2012, 17, 18]
(ज्योतिषी ने उस अनजान व्यक्ति को क्या शिक्षा दी ?)
Answer.
The astrologer told Guru Nayak that his enemy had died long before. So he should leave his search and return home.
(ज्योतिषी ने गुरु नायक को बताया कि उसका शत्रु काफी समय पहले मर गया है। अत: उसे तलाश छोड़ देनी चाहिए और घर लौट जाना चाहिए।)।

Question 25.
How did the astrologer earn his living ? Why was he forced to hide his identity? [2009, 18]
(ज्योतिषी अपनी जीविका कैसे कमाता था ? वह अपनी पहचान क्यों छिपाता था ?)
Answer. .
The astrologer had a saffron turban on his head. He applied sandal paste on his forehead. Thus he hide his identity and began to sit under a tamarind tree. He answered the questions satisfactorily of the customers and charged three pies as fees from them. He earned a lot of money daily.

(ज्योतिषी ने अपने सिर पर नारंगी रंग की पगड़ी बाँधी और मस्तिष्क पर चन्दन का लेप लगाया। इस प्रकार उसने अपनी पहचान को छिपाया और एक इमली के पेड़ के नीचे बैठने लगा। वह अपने ग्राहकों के प्रश्नों के उत्तर सन्तोषजनक रूप से देता था और उनसे अपनी फीस के रूप में तीन पैसे वसूलता था। वह रोजाना बहुत धन कमाता था।)

Question 26.
Why did the astrologer advise the stranger never to travel southward ? [2009,12]
(ज्योतिषी ने अजनबी को दक्षिण दिशा में यात्रा न करने की क्यों सलाह दी ?)
Answer.
The astrologer advised stranger never to travel southward because he lived in this direction himself. And he was his enemy.
(ज्योतिष में अजनी को दक्षिण दिशं की यात्रा न करने की सलाह दी क्योंकि वह स्वयं उस दिशा में रहता था और क्ह उसका शत्रु था।

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