UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 4 उद्बोधनम् (लोट्लकार-प्रयोगाः)
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शब्दार्थाः –
मा = मत, नहीं,
कुरु = करो,
दर्पम् = घमण्ड (अकड़),
गर्वमू = अभिमान,
भव = हो,
मानी = अभिमान करने वाला,
मानय = सम्मान दो,
दैन्यम् = दीनता,
मुदितंमना = प्रसन्न मन,
मोदय = प्रसन्न करो,
वद = बोलो,
मिथ्या = झूठ,
व्यर्थम् = बेकार,
कुर्वनर्थम् = बुरा,
पाहि = रक्षा करो,
विपन्नम् = दुखी,
लालय = लालन-पालन करो,
विहीनम् = रहित को,
तनयम् = पुत्र को,
तनयां = पुत्री को,
पाठय = पढ़ाओ,
वारय = दूर करो,
कृत्यम् = कार्य,
चित्तविकारम् = मन के दोष को,
अपनय = हटाओ,
दुर्व्यसनम् = खराब आदत,
परिहेयम् = त्याग करने योग्य, त्याज्य।।
मा कुरु…………………..लोकम् ।।1।।
हिंन्दी अनुवाद – घमण्ड मत करो। अभिमान मत करो। अभिमानी मत बनो। दूसरों को सम्मान दो। दीनता से दूर रहो। शोकरहित रहो। प्रसन्न मन वाले बनो। संसार को (सबको) प्रसन्न करो।।
मा वद………………विहीनतम् ।।2।।
हिन्दी अनुवाद – झूठ मत बोलो। बेकार मत बोलो। बुरे मार्ग पर मत चलो। अनर्थ मत करो। विकलांग की रक्षा करो। गरीब का पोषण करो। अनाथ (माता-पिता रहित) का लालन-पालन करो।
तनयं…………………………चित्तविकारम् ।।3।।
हिन्दी अनुवाद – पुत्र को पढ़ाओ, पुत्री को पढ़ाओ। नीति सिखाओ। दोष दूर करो। उपकार करो। उदार कार्य करो। मन के दोषों को हटाओ।
मा पिब………………………..चिन्तनमभयम् ।।4।।
हिन्दी अनुवाद – कोई भी व्यर्थ (खराब) वस्तु मत पियो। बुरी आदत मत पालो, छोड़ दो। एक पल भी समय नष्ट मत करो। निडर होकर जगत् के स्वामी (ईश्वर) का चिंतन करो।
अभ्यासः।
प्रश्न 1. एकपदेन उत्तरत
(क) कं पालय?
उत्तर – दीनम् ।।
(ख) किं शिक्षय?
उत्तर – नीतिं ।
(ग) किं अपनय?
उत्तर – दूरे चित्तविकारम् ।
(घ) किं मा पिब?
उत्तर – वस्तु निषिद्धम्।
प्रश्न 2. त्याज्यकार्याणां करणीयकार्याणां च सूचीं लिखत (सूची बनाकर)|
प्रश्न 3. चित्रानुसारं वाक्यानि रचयत (रचकर) –
प्रश्न 4. पाठात् क्रियापदानि चित्वा स्वपुस्तिकायां लिखत।।
यथा– कुरु, भव, वद, चल, पिब, पाहि।
प्रश्न 5. कवितां पूरयत (कविता पूरी करके)
(क) मा भज दैन्यम्, मा भज शोकम् । मुदित मंना भव, मोदय लोकम् ।। ।
(ख) मा वद व्यर्थम् । न चल कुमार्गे, न कुरु अनर्थम् ।।
(ग) तनयं पाठय, तनयां पाठय। शिक्षय नीतिं दोषं वारय कुरूपकारम् कृत्यमुदारम् ।।
(घ) मा पिब किञ्चिद् वस्तु निषिद्धम् । मा भज दुर्व्यसनं परिहेयम् ।।
प्रश्न 6. विभक्तिं वचनं च लिखत
उत्तर–
लोकम् – द्वितीया विभक्ति (एकुवचन)
मार्गे – सप्तमी विभक्ति (एकवचन)
तनयाम् – द्वितीया विभक्ति (एकवचन)
जगदीशवरः – प्रथमाः विभक्ति (एकवचने)
नोट – ‘ध्यातव्य’ और ‘शिक्षण संकेत’ विद्यार्थी स्वयं करें।
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