UP Board Solutions for Class 8 Agricultural Science chapter 5 बागवानी एवं वृक्षारोपण
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इकाई-5 बागवानी एवं वृक्षारोपण
अभ्यास
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में सही उत्तर के सामने सही () का निशान लगाइए (निशान लगाकर)
उत्तर :
(क) बाग लगाने के लिए सबसे अच्छी भूमि होती है
- दोमट भूमि ()
- विकी भूमि
- बलुई भूमि ।
- रेतीली भूमि ।
(ख) फल वृक्ष लगाने का सर्वोत्तम समय होता है
- जनवरी
- जुलाई ()
- अप्रैल
- अक्टुवर
(ग) बाग में सिंचाई की उत्तम विधि है
- सिंचाई
- ड्रिप सिंवाई ()
- कूड विधि
- उपर्युदन कोई नहीं
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)
उत्तर :
(क) बाग में पतझड़ वाले पौधे दिसम्बर से फरवरी में लगाना चाहिए।
(ख) बाग लगाने का गड्ढा खोदने का सर्वोत्तम समय मई-जून है।
(ग) बाग में पौधे लगाने का सर्वोत्तम समय जुलाई-अगस्त है।
(घ) बाग में पौधों की सुरक्षा की दृष्टि से चारों तरफ बाड़ लगाते हैं।
(ङ) चश्मा लगाना कायिक प्रवर्धन की विधि है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों में स्तम्भ ‘क’ को स्तम्भ ‘ख’ से सुमेल कीजिए (सुमेल करके)
उत्तर :
प्रश्न 4.
निम्न कथनों में सही के सामने सही (
उत्तर :
(क) आम के बाग हमेशा ईंट के भट्ठों के पास लगाने चाहिए। (✘)
(ख) सदाबहार पत्तियों वाले वृक्ष बाग में हमेशा बीच में लगाने चाहिए। (
(ग) बाग में गर्म हवाओं तथा लू से बचने के लिए वायु वृत्ति लगाते हैं। (
(घ) बाग में पौधे लगाने के लिए मई, जून में गड्ढे खोद लेने चाहिए। (
प्रश्न 5.
शाकवाटिका के मुख्य दो उद्देश्य लिखिए।
उत्तर :
शाकवाटिका के मुख्य दो उद्देश्य|
(i) परिवार के लोगों को पूरे वर्ष ताजी सब्जियों की आपूर्ति करना
(ii) खाली समय का सदुपयोग व वातावरण स्वच्छता
प्रश्न 6.
एक आदर्श शाकवाटिका के लिए कम से कम कितनी लम्बी-चौड़ी भूमि होनी चाहिए?
उत्तर :
25 x 10 मी0 भूमि चाहिए।
प्रश्न 7.
बाग में वायु वृत्ति किन-किन दिशाओं में लगाना उचित होता है?
उत्तर :
बाग के उत्तर-पश्चिम दिशा में ऊँचे उठान वाले पेड़ लगाकर, बाग को बचाया जाता है। आम, शीशम, महुआ, यूकेलिप्टस आदि वायुरोधी वृक्ष लगाते हैं।
प्रश्न 8.
पौधे लगाने का सबसे उचित समय कौन-सा है? कृपया समझाइए।
उत्तर :
पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय जुलाई-अगस्त का महीना होता है, क्योंकि इस महीने में वर्षा होने के। कारण मिट्टी में नमी रहती है, जिससे पौधे लगाने में आसानी होती है। पतझड़ वाले पेड़ों को दिसम्बर से फरवरी के बीच ! लगाना चाहिए।
प्रश्न 9.
बाग में पौधा लगाते समय किन-किन बिन्दुओं पर ध्यान देना जरूरी है?
उत्तर :
बाग में पौधे लगाते समय निम्न बिन्दुओं पर ध्यान देना जरूरी है
- उपयुक्त समय
- मिट्टी की किस्म
- फल तथा फूल के पौधों को लगाते समय एक-दूसरे के बीच निश्चित दूरी
- पर्याप्त पानी की व्यवस्था।
प्रश्न 10.
उद्यान के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर :
1. पृष्य उद्यान
2. शाक उद्यान
3. फल उद्यान
प्रश्न 11.
शाकवाटिका के लिए कोई चार फसल चक्र लिखिए।
उत्तर :
सब्जियों के चार फसल चक्र निम्न हैं
- मूली (जुलाई-अगस्त), मटर (अक्टूबर-मार्च), करेला (मार्च-जून)
- बैंगन (अगस्त-मार्च), टिंडा (मार्च-अगस्त)
- लौकी (जुलाई-नवम्बर), टमाटर (दिसम्बर-मई)
- मूली (जून-सितम्बर), मटर (अक्टूबर-मार्च), भिंडी (मार्च-जून)
प्रश्न 12.
कद्दू वर्ग में कौन-कौन सी सब्जियाँ आती हैं?
उत्तर :
कद्दू वर्ग में कोहड़ा, लौकी, तोरई, करेला, टिंडा, चिचिंडा, नेनुआ आती हैं।
प्रश्न 13.
बाग लगाने से पूर्व किन-किन प्रारम्भिक तैयारियों की जरूरत होती हैं? इन तैयारियों के न करने से बाग लगाने में क्या असुविधा होगी?
उत्तर :
बाग लगाने से पूर्व कुछ प्रारम्भिक तैयारियाँ करनी जरूरी होती है जो निम्नलिखित हैं
- भूमि समतल करना : ऐसा करने से मृदा कटाव नहीं होता।
- भूमि में खाद डालना : गर्मी के दिनों में जुताई करके सड़ी गोबर (कम्पोस्ट) की खाद डालनी चाहिए।
- पानी का प्रबन्ध करना : सिंचाई का प्रबन्ध प्राथमिक जरूरत है।
- जंगली जानवरों का अनावश्यक प्रवेश रोकना।
- वायुरोथी पौधे लगाना।
- श्रमिक आवास एवं सड़कों का निर्माण।
- जल निकास का प्रबंध
- क्षेत्रों का विभाजन
- खाद के गुड्ढे बनाना
उपरोक्त प्रकार की तैयारियाँ न करने पर उसकी सजा अन्तिम समय तक भुगतनी पड़ती है।
प्रश्न 14.
बाग में पौधे किन-किन विधियों से लगाए जाते हैं? उनमें से किसी एक का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
बाग लगाने की विधियाँ निम्नलिखित हैं
- वर्गाकार विधि : यह अच्छी और सरल विधि है। इसमें दो पंक्तियों के चार पौधे वर्ग बनाते हैं।
- आयताकार विधि : पंक्ति से पंक्ति की दूरी पौधों की आपसी दूरी से अधिक होती है।
- त्रिकोण विधि : वर्गाकार विधि जैसी ही है। अन्तर यह है कि दूसरी पंक्ति में पौधों को पहली के पौधों के सामने न रखकर उनके बीच त्रिकोण रूप में लगाते हैं।
- पंचभुजाकार विधि: इस विधि में चार पौधों के मध्य एक पौधा लगाया जाता है जो अस्थायी होता है। इसे बाद में काट दिया जाता है। इसे पूरक विधि भी कहते हैं।
- षट्कोण विधि: इसमें वर्गाकार से 15% पौधे अधिक लगाए जाते हैं। यह विधि शहर के पास की भूमि के लिए अधिक उपयुक्त होती है। इस विधि को समद्विबाहु त्रिभुज विधि भी कहते हैं।
प्रश्न 15.
वृक्षारोपण करने से क्या लाभ हैं? सविस्तार वर्णन कीजिए।
उत्तर :
वृक्षारोपण में फल वृक्षों के अलावा कुछ विशेष स्थानों पर विशेष तरह के वृक्षों को लगाया जाता है। इन वृक्षों की पर्यावरण प्रदूषण को नियन्त्रित करने में अहम भूमिका होती है। वृक्षारोपण करने से और भी कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। इनसे इमारती लकड़ी, ईंधन, यात्रियों को छाया, भू-क्षरण पर रोक, कागज उद्योग को कच्चा माल के अलावा कई प्रकार की दवाइयाँ भी प्राप्त होती हैं। सरकार वृक्षारोपण करने के लिए वनमहोत्सव का आयोजन करती है। सड़कों, नहरों, रेल पटरियों के किनारे सार्वजनिक स्थलों पर वृक्षारोपण कर पर्यावरण में सुधार किया जा सकता है।
प्रश्न 16.
बाग लगाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर :
बाग लगाते समय निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक है।
- स्थान का चयन (भूमि की । किस्म)- बाग लगाने के लिए दोमट मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है।
- सिंचाई की सुविधा- पौधों के सुचारु रूप से वृद्धि के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
- जल निकास की व्यवस्था- वर्षा ऋतु में पानी न रुके, इसके लिए जल निकास की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
- जलवायु- जलवायु के अनुसार ही फल-वृक्षों का चयन करना चाहिए।
- यातायात की सुविथा- यातायात की सुविधा होनी चाहिए, जिससे फलों को बाजार तक आसानी से पहुँचा जा सके।
- बाजार की निकटता- बाजार, बाग से निकट होना चाहिए, जिससे बाग से प्राप्त फलों को आसानी से बेचा जा सके।
- कुशल श्रमिक की उपलब्धता- कुशल अनुभवी मजदूर उपलब्ध होने से खेती में कृषि कार्य से लेकर फल तोड़ाई तक किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती है।
प्रश्न 17.
शाकवाटिका का निर्माण कैसे किया जाता है? वर्णन करो।
उत्तर :
शाकवाटिका का निर्माण – एक शाकवाटिका के लिए 25 मी लम्बी तथा 10 मी चौड़ी भूमि पर्याप्त होती है। चारों ओर से मेड़बन्दी करके किनारे पर बाड़ लगानी चाहिए। कँटीले तार या खंभे लगाए जा सकते हैं। वाटिका में आने-जाने का रास्ता होना चाहिए। रास्ते के किनारे सिंचाई की नाली होनी चाहिए। वाटिका के एक कोने में कम्पोस्ट गड्ढा होना चाहिए। कद्दू वर्ग की सब्जियाँ बाड़ के सहारे उगानी चाहिए। जाड़ों में तीन ओर मटर उगाई जा सकती है। प्रवेश द्वार के पास सेम उगाई जा सकती है। जड़ वे कन्दवाली सब्जियाँ क्यारियों की मेड़ों पर उगाई जा सकती हैं। वाटिका में फूलों के साथ-साथ पपीता, नींबू, अंगूर, फालसा भी लगाए जा सकते हैं। पर्याप्त भूमि होने पर आँवले का पेड़ भी लगाया जा सकता है।
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